कोनी. बिलासपुर से लगे कोनी क्षेत्र के पोंसरा गाँव की रहने वाली 36 वर्षीय महिला राशि सिंह ने टनही प्रताडना से परेशान होकर कल यानी 9 तारीख़ की सुबह तकरीबन सुबह 5 बजे ख़ुद पर मिट्टीतेल छिड़क कर आग लगा ली. सबसे पहले उनके 17 साल के बेटे ने माँ को जलते देखा, बाकियों को आवाज़ लगाई और कम्बल से आग बुझाने लगे. 112 की मदद महिला को सिम्स अस्पताल में भारती कराया गया.
कोनी थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने बताया कि टोनही प्रताडना के मामले की सूचना मिलने पर मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरन्त अपराध पंजीबद्ध किया गया और अस्पताल जाकर पीड़ित महिला का बयान दर्ज किया गया.
महिला के बयान के आधार पर टोनही के नाम पर उसे प्रताड़ित करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने कहा कि वे स्वयं भी महिला की सेहत को लेकर चिंतित थे उन्होंने बताया कि वे डॉक्टरों के संपर्क में हैं और मिली जानकारी के अनुसार अब महिला ख़तरे से बाहर है.
आरोपियों के नाम
राजू सिंह उम्र 48 वर्ष, श्रीमती सती बाई उम्र 65 वर्ष, भारत सिंह उम्र 50 वर्ष, जागेश्वर सिंह उम्र 54 वर्ष, करतार सिंह उम्र 46 वर्ष
ये सभी आरोपी पोंसरा गाँव बजरंग चौक के रहने वाले हैं
छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना अधिनियम (2005) लागू है लेकिन अब भी यहाँ महिलाओं को टोनही कहकर प्रताड़ित किया जाता है.
अंधविश्वास और कुरीतियों के चलते लोगों मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की घटनाएं सिर्फ़ टोनही के नाम पर ही नहीं होतीँ, हमारा पूरा समाज (चाहे वो शहरी हो या ग्रामीण) तमाम धार्मिक विषयों पर अब भी घनघोर अन्धविश्वासी है.
सामजिक बहिष्कार की कुरीति भी छत्तीसगढ़ के लगभग सभी इलाकों में अब भी फैली हुई है सामाजिक बहिष्कार की कुरीति पर भी टोनही प्रताड़ना की तरह कड़े कानून की आवश्यकता है जिसके लिए सामाजिक संगठन कई बार छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध कर चुके हैं कानून का एक ड्राफ्ट तैयार कर के भी सरकार को दिया जा चूका है. लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ सरकार की नींद नहीं टूटी है.