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किम्स अस्पताल पर मरीज़ के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप : 3000 की दवा 12000 में लेने का दबाव और जो सामान लगा ही नहीं उसके भी वसूले सत्तर हज़ार

बिलासपुर। ज़िले के निजी अस्पतालों द्वारा मरीज़ों से मनमाने पैसे वसूलने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला शहर के मगरपारा चौक के पास स्थित किम्स(KIMS) अस्पताल में देखने को आया है।

परिजन राजेश गिडवानी ने बताया कि चकरभाठा निवासी उनके जीजा 52 वर्षीय श्यामलाल बजाज को शुक्रवार की रात KIMS अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जब श्यामलाल बजाज को भर्ती करवाया गया तब उनकी हालत स्थिर थी और वे बातचीत कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में उन्हें कोई इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद उनकी हालत तेज़ी से बिगड़ने लगी, हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

3000 की दवा अस्पताल से 12000 में लेने का बनाया दबाव

राजेश गिडवानी ने बताया कि ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली एक दवा अस्पताल के दवा स्टोर से लाने उनको कहा गया जिसकी कीमत उन्हें 12000 बताई गई। वही दवा बाज़ार में लगभग 3000 रुपयों में मिल रही थी। परिजनों ने दवा बाहर से ख़रीदने की इच्छा जताई तो अस्पताल ने उनपर जबरदस्ती दबाव बनाया कि दवा तो अस्पताल से ही ख़रीदनी होगी यही यहाँ का नियम है।

जो चीज़ इस्तेमाल नहीं हुई उसके भी वसूले सत्तर हज़ार

परिजनों ने बताया कि KIMS अस्पताल ने सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट के लिए 70000 हज़ार रुपये लिए लेकिन सर्जरी हुई ही नहीं तो हमने स्टेंट के लिए वसूले गए पैसे वापस मांगे। लेकिन किम्स (KIMS) अस्पताल ने वो पैसे वापस करने से साफ़ इनकार कर दिया।

राजेश गिडवानी (मरीज़ के परिजन)

पुलिस बुलाने की नौबत आ गई

ऑटो चलाने वाले इस सामान्य परिवार ने किम्स (KIMS) अस्पताल द्वारा की जा रही इस जबरन वसूली का विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन ने उनके साथ बदसुलूकी की। बीती रात किम्स (KIMS) अस्पताल में गहमागहमी का माहौल रहा नौबत पुलिस को बुलाने तक की आ गई। सिविल लाईन पुलिस ने देर रात अस्पताल पहुँचकर मामला शांत करवाया।

मीडिया से बचता रहा अस्पताल प्रबंधन

इस पूरे बवाल के दौरान मरीज़ के परिजनों द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों पर मीडिया ने अस्पताल प्रबंधन का पक्ष जानना चाहा तो प्रबंधन ना-नुकुर और बहानेबाज़ी करते हुए कुछ भी कहने से बचता रहा।

सर्जरी में ईस्तेमाल होने वाली दवा जिसकी कीमत बाहर तीन से साढ़े तीन हज़ार है किम्स में उसके लिए 12000 वसूले जा रहे थे परिवार पर अस्पताल से ही दवा खरीदने का दबाव बनाया जा रहा था। विरोध करने पर अस्पताल प्रबंधन ने परिवार के साथ बुरा बर्ताव किया। मरीज़ की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें वेंटिलर पर रखना पड़ा। परिवार ने मरीज़ की जाँच आज अपोलो में करवाई।

मरीज़ के परिजनों का कहना है कि किम्स (KIMS) अस्पताल के इस लालच और लापरवाही के कारण मरीज़ की हालत अब बेहद गंभीर हो चुकी है वे ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

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