बिलासपुर। पुलिस और अरपा पार के एक चर्चित कबाड़ी के बीच गजब की सेटिंग है। इस कबाड़ी के अवैध कबाड़ से भरे ट्रक ज़िले के कई थानों के ठीक सामने से निकलते हैं और इन ट्रकों को थानेदार बड़े प्यार से निकल जाने देते हैं।
बिलासपुर। ज़िले में अवैध कबाड़ का कारोबार खूब फलफूल रहा है। अरपा पार के एक गोदाम से लोड होकर अवैध कबाड़ से भरे ट्रक सबसे पहले सरकंडा थाने के सामने वाली मुख्य सड़क से गुजरते हैं। इंदिरा सेतु और नेहरू चौक से होते हुए सिविल लाईन थानाक्षेत्र में प्रवेश करते हैं फिर महाराणा प्रताप चौक से होते हुए सिरगिट्टी थाने के चेकिंग प्वाइंट को क्रॉस कर चकरभाठा थाने के ठीक सामने से निकलते हुए हाईवे पर आते हैं और फिर इतनी ही आसानी से हिर्री थाने के सामने से भी निकल कर रायपुर पहुंच जाते हैं।
पुलिस कबाड़ के मालिक पर आंच तक नहीं आने देती
कोई थानेदार इन ट्रकों को नहीं रोकता। कभी रोकना पड़ भी जाए तो कबाड़ के मालिक पर तनिक भी आंच नहीं आने देता सिर्फ़ ड्राईवर पर कार्रवाई कर के कबाड़ी के प्रति अपनी वफादारी दिल की गहराइयों से निभाता है।
बिलासपुर पुलिस और उस कबाड़ी की प्रेमकहानी
CSP गरिमा द्विवेदी के की त्वरित कार्रवाई
परसों रात नगर पुलिस अधीक्षक(चकरभाठा) गरिमा द्विवेदी ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर हिर्री पुलिस को आदेशित किया तब कहीं जाकर सरकंडा और चकरभाठा पुलिस के इस चहेते कबाड़ी की गाड़ी हिर्री पुलिस को रोकनी पड़ी, लेकिन हिर्री पुलिस ने भी एक ही दिन में अरपा पार के इस चर्चित कबाड़ी से प्रेम व्यवहार स्थापित कर लिया। हिर्री पुलिस और इस कबाड़ी के मधुर संबंधों का पता उस प्रेस विज्ञप्ति से भी चलता है जिसमें पुलिस ने कबाड़ मालिक के नाम का उल्लेख ही नहीं किया सिर्फ़ ट्रक ड्राईवर पर कार्रवाई कर के चहेते कबाड़ी के नाम पर आंच भी नहीं आने दी।
नगर पुलिस अधीक्षक (चकरभाठा) के निर्देश पर हिर्री पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी ने घेराबंदी की और ट्रक नंबर CG10X4487 को रोककर पूछताछ की। ट्रक चालक ने अपना नाम पुन्नीराम ध्रुव बताया। ट्रक में लगभग साढ़े चार टन अवैध कबाड़ मौजूद था जिसे ज़ब्त कर पुलिस ने चालक पर धारा 41(1-4) 379 भादवि के तहत मामला दर्ज किया है।
गड्डियों के नीचे दबे अपने ज़मीर को पुलिस ने तनिक भी उठने नहीं दिया और ज़ब्त कबाड़ के मालिक (आरपा पार वाले) पर नज़र तक नहीं डाली।
क्या ड्राईवर ही लाखों के कबाड़ का मालिक है?
बड़े आश्चर्य की बात है कि जब भी अवैध कबाड से भरी गाड़िया पुलिस के द्वारा पकड़ी जाती हैं तब सिर्फ़ ड्राईवर और हेल्पर पर ही कार्रवाई की जाती है, कबाड़ के मालिक को बख्श दिया जाता है। तो क्या ड्राईवर ही लाखों के कबाड़ के मालिक होते हैं??? और यदि ये ड्राईवर सच में इतने रईस लखपति होते हैं तो ये ख़ुद ट्रक क्यों चलाते हैं ड्राईवर क्यों नहीं रख लेते??? जवाब बिल्कुल साफ़ है बेचारी पुलिस क्या करे आखिर पतले नोटों का वज़न बहुत भारी होता है।
रोज़ निकलते हैं अवैध कबाड़ से भरे ट्रक
सूत्र बताते हैं कि अवैध कबाड से भरे जिस ट्रक पर हिर्री पुलिस ने ये कार्रवाई की है उसका मालिक सरकण्डा क्षेत्र का एक चर्चित कबाड़ी है जिसकी गाड़ियां तकरीबन रोज़ ही बिलासपुर से रायपुर के लिए रवाना होती हैं।
हम बिलासपुरवासी पुलिस और उस चर्चित कबाड़ी के बीच चल रहे इस अद्भुत आलौकिक प्रेम को देखकर धन्य हो रहे हैं।