आदिवासी औद्योगिकीकरण किसान आंदोलन जल जंगल ज़मीन पर्यावरण मानव अधिकार राजनीति

नरेंद्र मोदी कर रहे है अपने जन्मदिन पर नर्मदा घाटी के जशने-मौत की तैयारी! नर्मदा बचाओ आंदोलन

*
13.09.2017

नर्मदा घाटी के संघर्ष और लड़ाई को जिस प्रकार देश भर से समर्थन मिला, उसका धन्यवाद देते हुए, इसी प्रकार देश के लोगों और सभी जन संगठनों से घाटी की लड़ाई में साथ खड़े रहने की मेधा पाटकर ने की गुहार। साथ ही एक सवाल देश के सामने रखा कि क्या सिर्फ ईंट और सीमेंट से बांध स्वरूप ढांचा बनाने से बांध पूरा हो गया, ऐसा कहना सही है? आज भी हज़ारों परिवारों का पुनर्वास बाकी है, क्या फिर भी मोदी जी अपने जन्मदिन पर सरदार सरोवर बांध को इस देश को लोकार्पित कर नर्मदा घाटी के लोगों का मरण दिन भी मानने को तैयार हैं? कई प्रयास करने पर भी जब मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मौन है और हर सवाल पर चुप्पी साधे है, तो आप ही सुझाये की ऐसी चुप्पी को कैसे तोड़ा जाए और नर्मदा घाटी के लोगो को गैर कानूनी डूब से कैसे बचाया जाए?

**

Related posts

सुधा की बेटी ने लिखा सार्वजनिक पत्र : मम्मा कहती थी कि बेटा मुझे ऐसे ही ग़रीबों के बीच में रह कर काम करना अच्छा लगता है. बाक़ी जब तुम बड़ी हो जाओगी तुम अपने हिसाब से रहना. : मायशा नेहरा .

News Desk

कुछ भी मारो बस… आंख मत मारो…: बोधिसत्व, मुंबई

News Desk

स्मार्ट सिटी जरूरी या भूखों को खाना?

News Desk