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रायगढ़ के तमनार विकासखंड में लिबरा से कोसमपाली रोड केजीएस केम्प के पास 21 अगस्त को सुबह 8 बजे से आर्थिक नाकेबंदी करके बड़ी संख्या में ग्रामीण चोराहे पर पिछले दसवें दिन भी चक्का जाम किये हैं.
आज प्रदेश के विभिन्न जन संघठनों के प्रतिनिधी धरना स्थल पर पहुचे ,आन्दोलन छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के नन्द कश्यप ,आलोक शुक्ला ,पीयूसीएल से डा.,लाखन सिंह ,छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के कलादास डेहरिया , डा. हरिहर पटेल ,फिल्म निदेशक महीन मिर्ज़ा ,महिला संघठन की श्रेया ,आदि ने आन्दोलन से एकजुटता जाहिर की और प्रशासन से मांग की कि वो चर्चा आरम्भ करे और पिछली समझोते की शर्तों के अनुसार कार्यवाही करें.
आमरण अनशन के दसवें दिन छत्तीसगढ़ काग्रेंस के अध्यक्ष भूपेश बघेल अपने साथियों के धरना स्थल पर पहुचे और आन्दोलन की मांगों के साथ अपना समर्थन व्यक्त किया .
रायगढ़ स्थित गारे पेलमा 4/2,3 कोयला खदान से प्रभावित ग्रामीण पिछले 10 दिनों से अपनी मांगों पर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे हैं। प्रभावितो के साथ पूर्व में जिला कलेक्टर और एस ई सी एल के बीच समझौता भी हो चुका हैं परंतु किसी भी मांग को पूरा नही किये के बाद ग्रामीण पुनः आंदोलन के लिए मजबूर हुए.
काग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार या एस ई सी एल अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकती। कस्टोडियन का बहाना बनाकर ग्रामीणों की मांगो को कुचला नही जा सकता । प्रभावितों को रोजगार, और मुआवजा की मांगों को शीघ्र पूरा करना चाहिए,17 ओ ख के मामलो को तुरंत दर्ज किया जाये और आदिवासियों की धोखाधड़ी करके हडपी गई जमीनें उन्हें वापस की जाये .
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि वनाधिकार मान्यता कानून का पालन राज्य सरकार द्वारा नही किया जा रहा हैं। किसान आदिवासियों की जमीनों को छीनकर जबरन उधोगपतियों को देने का कार्य रमन सरकार कर रही हैं,हमारी पार्टी आदिवासियों के साथ खडी है और हर आन्दिलन का मैदान में रह कर साथ खड़े रहेंगे .
छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन और किसान नेता नन्द कश्यप ने जिस जिंदल ने यहाँ के वातावरण और पानी में ज़हर घोला है उन्हें जेल भेजा जाये ,उन्होंने उस रिपोर्ट की बात कही जिसमें पूरे क्षेत्र के हवा पानी को इतना प्रदूषित कर दिया गया है कि लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हो गये है ,एनजीटी के आदेश के बाबजूद प्रशासन और कम्पनी खदानों में लगी आग और उसके प्रभाव को कम करने को तैयार नहीं है.एस ई सी एल प्रबंधन जानबूझकर खदानों में आग लगाता है जिससे कि वह खनन में हेराफेरी कर सके.
आन्दोलन कारियों ने विस्तार से बताया कि
कोल इण्डिया के एसईसीएल गारे पेलमा 4/2 और 4/3 में पदस्थ उप क्षेत्रीय प्रबंधक बीएन झा और प्रबन्धक रूक्मिण द्वारा ग्राम पंचायत कोसमपाली सरसमाल के किसानो और प्रशाशन के अधकारियो के बीच जो समझोता हुआ था उसका पालन नहीं किया जा रहा हैं .सिर्फ यहाँ की गरीब आदिवासियों को भ्रमित किया जा रहां हैं .हैं .
आन्दोलनकारी मांग कर रहे है कि ओबी डम्प और कोयले में लगी आग के जहरीले धुंए पर तत्काल रोक लगाई जाये . गारे पेलमा खदान को जो उच्च अधिकारियो ने बंद किया है उसे बिना ग्रामवासियों की अनुमति के दुबारा शुरू न किया जाये ,
गारे पेलमा 4/2 और 4/3 से एसईसीएल ने करोडो की कमाई है , जिन किसानो की जमीन से कोयला निकला जा रहां है उस किसान को मुआवजा देकर उन्हें तत्काल नोकरी दी जाये .उप क्षेत्रीय प्रबंधक बीएन झा और प्रबन्धक रूक्मिण को तत्काल कार्य से निलंबित किया जाये और इसकी जाँच सिबिआई या विजिलेंस जाँच इन्क्वारी गठित की जाये , नोकरी के मामले में कस्टोडीयन कंपनी नौकरी नहीं दे सकती तो इस बाबत कोल मंत्रालय से जाँच और दिशा निर्देश मांगे जाएँ जब तक किसी नई जमीन पर खुदाई न की जाये, 170 ख के करीब 100 केस बुधवार तक रजिस्टर किया जाएँ ,परिक्षण के तहत इन जमीनों पर और कोई खुदाई नहीं हो, जो लोग नौकरी कर रहे है उन्हें पूरा वेतन ,पीएफ मेडिकल दिया जाये ,और ठेकेदारी के लोगो को नियमित किए जाये .
एसईसीएल में कार्य कर कर रहे मजदूरों को न्यूनतम वेतन तक नही दिया जा रहा है.चाहे वो ठेकेदारी मजदूर ही क्यों न हों .
** मजदूरों ने किया युनियन बनाने का निर्णय
बाद में एक बैठक करके मजदूरों ने अपने साथ किये जा रहे नियमो के उलंघन से की बात की और कहा की की Secl प्रबंधन उन्हें न्यूनतम मजदूरी ,पीएफ ,चिकित्सा और हाजरी जैसे मूल हक भी नही दे रहा है,हम सब लोग ठेकेदारों की दया और मनमर्जी पर निर्भर है .बैठक में मजदूर नेता कला दास देहरिया और नन्द कश्यप ने चर्चा की आखरी में यह तय किया गया की सारे प्रभावित मजदूर अपनी स्वतंत्र युनियन का गठन करेंगे और इसके लिए सबसे सहयोग लेंगे .
सभा को छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के संयोजक अलोक शुक्ला , छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकरता समिति के कलादास देहरिया और पीयूसीएल के अध्यक्ष डा. लाखन सिंह ने भी सम्बोधित किया .
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