♥31 जुलाई 2017
रायपुर / प्रेस क्लब रायपुर अपनी पचासवीं वर्षगांठ मना रहा है ,इस मौके पर 31 जुलाई को स्वर्गीय मोहम्मद रफ़ी साहब की स्मृति में आयोजित गायन स्पर्धा में पत्रिका के स्टेट ब्यूरो चीफ़ राजकुमार सोनी को पद्म श्री ममता चंद्राकर और प्रसिद्द फिल्म निर्माता प्रेम चंद्राकर ने फिल्म आदमी के प्रसिद्द गीत – आज पुरानी राहो पर कोई मुझे आवाज़ न दे …. के लिये पहला पुरस्कार प्रदान किया .
इस अवसर पर राजकुमार सोनी ने अपनी फेस बुक वाल पर कुछ यों लिखा …
पद्मश्री ममता जी के हाथों सम्मानित होने की खुशी
मित्रों… कल 31 जुलाई को मुझे देश की जानी-मानी लोक गायिका पद्मश्री ममता चंद्राकर और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रेम चंद्राकर के हाथों स्वर्गीय मोहम्मद रफी की स्मृति में आयोजित गायन स्पर्धा में पहला पुरस्कार प्रदान किया गया।
मेरे लिए यह पुरस्कार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक अवसर पर मिला है जब रायपुर प्रेस क्लब अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है। इस पुरस्कार की दूसरी बड़ी खुशी इस बात की है कि मैंने कभी बेहद संजीदगी के साथ रफी साहब के गानों को नहीं गाया। मैं हमेशा किशोर दा और इधर कुछ नए गायकों को गाने की नाकाम कोशिश करता रहा हूं। मैं हमेशा प्रतियोगिताओं से भी भागता रहा हूं लेकिन अपने अजीज दोस्त संदीप तिवारी का कहना नहीं टाल सका। संदीप ने इस प्रतियोगिता में मेरा नाम लिखवा दिया और इस बात के लिए भी प्रोत्साहित किया कि मैं प्रेस क्लब में नियमित रूप से होने वाली रिहर्सल में आता-जाता रहूं। लगभग एक हफ्ते के कठिन रियाज के बाद मैं खुद को गाने के लिए तैयार कर पाया। यूं तो रफी साहब ने हर रंग के गीत गाए हैं लेकिन मुझे सबसे ज्यादा पंसद है फिल्म आदमी का वह गीत जो दिलीप कुमार साहब पर फिल्माया गया है- आज पुरानी राहों से… कोई मुझे आवाज़ न दें।
एक और बात यहां शेयर करना जरूरी समझता हूं वह यह कि मैंने थोड़ा-बहुत ही थियेटर किया है। नाटकों के लिए ही कभी मंच पर तो कभी नेपथ्य में गाता रहा हूं। मैंने गायकी को कभी कैरियर बनाने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन कल पुरस्कार के साथ ममता जी की एक महत्वपूर्ण टिप्पणी भी मुझे मिली। उन्होंने कहा- लग रहा है मैं किसी रियलिटी शो में जज हूं। उनका कहना था- अगर मैं जर्नलिज्म के पेशे में नहीं होता तो गायकी के क्षेत्र में भी अच्छे मुकाम पर होता। बेहद सम्मान के साथ उनकी टिप्पणी सर आंखों पर। मैं अपनी ओर से उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि अपने सुख और दुख के अहम क्षणों में जैसा भी हो… गाने की कोशिश जारी रखूंगा।
चलिए… अब यही रोकता हूं अपनी बात को।
प्रेस क्लब अध्यक्ष केके शर्मा, महासचिव सुकांत राजपूत, उपाध्यक्ष सुखनन्दन बंजारे सहित अपनी बिरादरी के जूनियर्स/ सीनियर का शुक्रिया जिन्होंने कल मुझ पर अपना बेशुमार प्यार उडेला। उनका प्यार बेहद कीमती है। मैं इसे सहेजकर रखूंगा।