बिलासपुर। सीएमडी महाविद्यालय मैदान में आयोजित दो दिवसीय पारम्परिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेले का रविवार को समापन हुआ। दो दिवसीय पारम्परिक व्यंजन मेले का आयोजन अखण्ड ब्राह्मण समाज सेवा समिति के बैनर तले किया गया था। मेला पहुंचकर लोगों ने छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद चखा। कार्यक्रम में मुख्य़ अतिथि अमर अग्रवाल और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा, विशिष्ठ अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत समेत सभी अतिथियों ने ना केवल व्यंजन का स्वाद लिया, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनन्द उठाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा पिछले सात साल से बिना बाधा पारम्परिक व्यंजन मेला में आ रहा हूं। व्यक्तिगत तौर पर हर साल मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। हर साल अपनी परम्पराओं को करीब से देखने का अवसर मिलता है। एक मंच के नीचे प्रदेश के सभी व्यंजनों का एक साथ ना केवल देखने बल्कि स्वाद लेने का अवसर मिलता है। प्रदेश में यह अपनी तरह का अनूठा और शानदार आयोजन है।
कार्यक्रम के अतिथि अंकित गौरहा ने कहा कि कार्यक्रम में शिरकत कर गर्व महसूस कर रहा हूं। छत्तीसगढ़ माटी की खुश्बू ही अलहदा है। जब छत्तीसगढ़ व्यंजन की बात चले तो खाने के लिए ना मचले यह संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ के व्यंजनों की विविधता ही हमारी सामुहिक कला संस्कृति और स्वाद की पहचान है। आज बाजार में व्यंजनों की किताबों की भरमार है लेकिन उनका स्वाद चखने के मौके कम ही मिलते हैं। यही कारण है कि दिल्ली से लेकर मुम्बई तक किसी भी फाइव स्टार होटल में छत्तीसगढ का व्यंजन सबसे महंगा और सर्वाधिक पसंद किए जाने वाला होता।
अंकित ने कहा हमारी बस इतनी ही कामना है कि हम इसी विविधता को बनाकर व्यंजनों की तरह जुल मिलकर रहें। समाज के बच्चे पढ़ें लिखे और सर्व संस्कृति को समाहित कर प्रगति करें। इस दौरान आयोजक मण्डल के सदस्य पंडित योगेश तिवारी, चित्रा तिवारी, मोहित मिश्रा, अविनाश शर्मा, अथर्व मगर के अलावा अलावा पंकज मिश्रा, बबलू कश्यप, पार्षद रंगा नादम, विभा गौरहा, सीमा पाण्डेय, रोहित मिश्रा समेत समाज और शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।