तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट
दन्तेवाड़ा- छत्तीसगढ़ के बस्तर अन्तर्गरत दन्तेवाड़ा जिला के गुमियापाल गांव के 6 ग्रामीण पिछले 6 दिनों से नक्सलियों के चंगुल में है। इन ग्रामीणों को पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने अपहरण कर लिया है। परिजन अपनो को छुड़ाने जंगल-जंगल खाक छान रहे है इन ग्रामीणों की सुध न तो स्थानिय प्रशासन ले रही है और न ही सरकार! शायद यह बस्तर की खबर है इसीलिए 6 आदिवासियों की जिंदगियों का कोई मोल नही है.
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने बताया कि आदिवासियों की जान इतनी सस्ती हो गई है, अभी तक किसी की तरफ से भी इन ग्रामीणों को छुड़ाने की पहल नही की गई है न सरकार को कोई मतलब न पुलिस प्रशासन को पुलिस प्रशासन कोई FIR दर्ज कराए तब कार्यवाही की बात कह रही है। सोनी ने आगे कहा कि मै अपील करती हूं कि ग्रामीणों को तत्काल रिहा किया जाए। इन ग्रामीणों की जगह कोई दूसरा रहता तो अभी तक प्रशासन सरकार हरकत में आ जाता लेकिन 6 दिन बीतने को जा रहा है किसी को उन ग्रामीणों की चिंता ही नही है।
बता दे कि आज गुमियापाल पटेल पारा से . किरण कुंजाम पिता बुधराम, हुंगा मिडयामि पिता भीमा, लालू मिडयामि पिता पाकलू, लालू उर्फ भीमा मिडयामि पिता पोदीया, हुंगा माण्डावी पिता पांडू,भीमा वंजामी पिता जोगा 11 अगस्त रात नौ, दस बजे से 6 लोग गाँव से गुमशुदा हैं
मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में इन 6 ग्रामीणों को अगवा किया है, जिन्हें वह पिछले 6 दिनों से अपने साथ जंगलों में घुमा रहे हैं. ऐसे में घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है और ग्रामीण लगातार किसी अनहोनी की आशंका में डूबे हैं. ग्रामीणों को शक है कि कहीं नक्सली उनके परिजनों के साथ कुछ गलत न कर दें या उनकी हत्या न कर दें. जिसके चलते अब छः ग्रामीणों के परिजन उन्हें ढूंढने के लिए जंगलों में भटक रहे हैं.
एनकाउंटर के बाद बौखलाए नक्सली
कहा जा रहा है कि नक्सली संगठन जेडीएससी (JDSC) सचिव 10 लाख इनामी नक्सली विनोद की 5 लाख इनामी बेटी मंगली पुलिस मुठभेड़ (Police encounter) में मारी गई थी. बताया जा रहा है कि नक्सली कमांडर विनोट खुद गांव पहुंच कर मामले की पड़ताल करता और ग्रामीणों की बैठक लेता है. साथ ही ग्रामीणों से मारपीट भी की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि बलांगिर एरिया कमेटी का नक्सली प्रदीप गुमियापाल रविवार को पहुंचा था और पूछताछ के लिए ग्रामीणों को अपने साथ ले गया.
दन्तेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने जानकारी दी कि ग्रामीण पुलिस तक नहीं पहुंचे हैं. हम पूरी घटना वाच कर रहे हैं. एकदम से फोर्स के मूवमेंट से ग्रामीणों की जान को खतरा बढ़ सकता है. इसलिए हम सोच समझकर ग्रामीणों को रिहा करवाने की रणनीति बना रहे हैं.
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