16.04.2018
⚫
विगत वर्षों में देश में महिलाओं विशेषकर छोटी बच्चियों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अभी कठुआ से लेकर उन्नाव में बलात्कार और उसके बाद हत्या जैसी घटना को लेकर विभिन्न संगठनों ने हस्ताक्षर अभियान चला, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने की तैयारी की है. देवकीनदंन स्कूल के सामने बेटी चौक पर रविवार को प्रात आठ बजे से शाम 5 बजे तक महिला अपराधों के विरोध में आवाज उठाई गई. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सत्यभामा अवस्थी, अधिवक्ता निरुपमा वाजपेयी एवं एक्टिविस्ट फरहान ने उपवास रखा.
देश में बेटियों के साथ लगातार दुष्कर्म सामने आ रहे हैं. शहर के जागरूक नागरिकों ने सैकड़ों की संख्या में हस्ताक्षर कर अपना विरोध दर्ज किया. आते जाते लोग रुककर पोस्टर, बैनर देखते रहे पढते रहे. छोटी बच्चियों का सवाल था, अकंल ने दीदी का मुंह क्यों दबाया है, गुडिया क्यों रो रही है. कुछ नवयुवक युवतियों ने भरे गले से कहा,, कहने को क्या रह गया है. लगभग 900 हस्ताक्षर विरोध में सामने आये. शाम को नसरीन, सविता प्रथमेश और जयश्री शुक्ला ने जुस पिला उपवास तुडवाया. दोषियों पर कडी कार्रवाई के साथ कानून में संशोधन की मांग में रईसा बानो, सतिन्दर कौर, मधुलिका बोस, नीलोत्पल शुक्ल, प्रथमेश मिश्रा, छाया तिवारी, शीला, अभिनय शर्मा, विकास बाजपेई अदविका बाजपेई, बिमलेश बाजपेयी, प्रियंका शुक्ल, शिवा मिश्रा, सुदेश दुबे, प्रमोद पांडेय डा बद्री जायसवाल के अलावा भारी संख्या में लोगों ने ऐसे अपराधों की कड़ी निंदा की. महिला संगठनों का कहना है देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. हस्ताक्षरित बैनर राष्ट्रपति को भेजे जाने की तैयारी है.