गरियाबंद। गरियाबंद जिले के जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह ने 25 अप्रैल को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पदाधिकारियों के कामकाज में अब उनके पतियों या किसी भी रिश्तेदार के दखल देने की सख़्त मनाही के आदेश दिए गए हैं।

भारत सम्मान समाचार में प्रकाशित खबर के मुताबिक सीईओ ने अपने आदेश में कहा कि पंचायत कार्यालय के भीतर महिला सरपंच या पंच के पति या कोई रिश्तेदार उनके बिहाफ में यदि कोई कार्य करते, आदेश देते या सुझाव देते पाए गए तो उस महिला पदाधिकारी के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।
पंचायत की सभी महिला पदाधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया गया है। साथ ही आदेश की कॉपी जनपद पंचायत में भी भेजी जा रही है।
पंचायती राज अधिनियम के तहत जिले की पंचायतों में महिला पदाधिकारियों की भागीदारी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। ताकि निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के काम-काज यथा नियोजन, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण, नियंत्रण आदि में स्वंय निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सके। भारत सरकार पंचायती राज नई दिल्ली भी इसको लेकर गंभीर है और समय पर समय महिला पंचायत प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने की दिशा में इस तरह के कदम उठाती रहती है।
धारा 39 एवं 40 के तहत होगी कार्रवाई
जिला पंचायत सीईओ विनय लहंगे का कहना है कि “इस आदेश का मुख्य उद्देश्य है महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना ताकि उन्हें आगे आकर कार्य करने में कोई परेशानी न हो। अगर इसकी अवहेलना किसी पंच-सरपंच पति द्वारा की जाता हैं तो उनके विरुद्ध धारा 39 एवं 40 के तहत कार्यवाही की जाएगी।