20.01.2018
प्रगतिशील किसान संगठन
*जेके लक्ष्मी प्रभावित किसानों को वेतन क्षतिपूर्ति नये न्यूनतम पारिश्रमिक की दर से देने की मांग की*
*सूखा राहत राशि आबंटन में जिले की उपेक्षा का लगाया आरोप ,हजारों प्रभावित किसानों के वंचित रह जाने की जताई आशंका*
छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से लिये गये निर्णय के अनुसार किसानों के प्रदेश व्यापी आंदोलन के अंतर्गत दुर्ग जिले के सैकड़ों किसानों ने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर तले आज मानस भवन से नया बस स्टैंड, फरिश्ता काम्प्लेक्स, इंदिरा मार्केट होते हुए पुराना बस स्टैंड तक रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया, संक्षिप्त सभा को संयोजक राजकुमार गुप्त और अध्यक्ष आई के वर्मा ने संबोधित किया, बाद में टंडन को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ग्यापन दिया गया, किसानों में वायदा खिलाफी करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रमन सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश रहा, किसानों ने सूखा राहत के लिये जिले को मात्र 12 करोड़ के आबंटन पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि दो साल पूर्व 55 करोड़ के आबंटन के बावजूद जिले के हजारों किसान राहत राशि से वंचित रह गए थे, इस साल पूरा जिला भयंकर सूखे की चपेट में है औसत से आधी ही बारिश हुई है ऐसे में राहत राशि का आबंटन दो गुना करने के बजाय सरकार ने राहत राशि को पूर्व की तुलना में मात्र 20% ही आबंटित किया है जिसके कारण हजारों प्रभावित किसान इस बार भी राहत राशि से वंचित रह जायेंगे,
*किसानों ने जेके लक्ष्मी सीमेंट कंपनी द्वारा प्रभावित किसानों को प्रतिमाह दिये जाने वाले वेतन क्षतिपूर्ति राशि बंद करने के खिलाफ भी तीव्र आक्रोश था, किसानों ने शासन के आदर्श पुनर्वास नीति के अंतर्गत वेतन क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की है*
किसानों ने ग्यापन में किसान आयोग का गठन करने, किसान पेंशन लागू करने, समर्थन मूल्य को मूल्य सूचकांक से संबद्ध करने और फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ कम से कम 20 क्विंटल धान के मूल्य का कवरेज करने की मांग की है,
आज के रैली प्रदर्शन का नेतृत्व राजकुमार गुप्त, आई के वर्मा, झबेंद्र भूषण दास वैष्णव, उत्तम चंद्राकर, बद्री प्रसाद पारकर, बाबूलाल साहू, प्रेम दिल्लीवार, परमानंद यादव, प्रमोद पंवार, कल्याण सिंह ठाकुर, दीपक यादव, दुकलहा साहू, रामेश्वर बंजारे, मिहीलाल पटेल, संतु पटेल, आदि ने किया,
*चुनावी वायदा पूरा न करने, कर्ज मुक्ति न करने और अन्य मुद्दों का समाधान न करने पर 23 फरवरी को राजधानी रायपुर की नाकाबंदी करने का निर्णय लिया है*
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