शाकिर अली की पुस्तक ” बचा रह जायेगा बस्तर ” से कल दस कवितायें प्रस्तुत की थी ,आज और उसी संग्रह से दस कवितायें हाज़िर है .
नई उमर की नई फसल 11
खबर मिली है कि
सड़क की छाती चौडी करने के लिए
काटे जायेंगे ,हजारों पेड़ !
और
राजपाट की छाती चौडी करने
काटी जाएँगी
नई उमर की नई फसल !!
बी. आर. ओ. की बनाई गई सड़क 12
बी आर ओ की बनाई गई ,एक सौ बीस फीट चौडी
पच्चीस परतों वाली मजबूत सड़क
किस आदिवासी के काम आएगी ?
या फिर ,लाये जायेंगे
टेंक बख्तरबंद गाड़ियाँ ,उस सड़कों से
किसे पता हैं ?
बचा रह जायेगा बस्तर 12
[ प्रतिनिधि कविता ]
बचा रह जायेगा बस्तर
कुछ और दिनों तक ,
लाला जगदालपुरी की स्मृतियों
और उनकी किताबों में,
विजय सिंह और त्रिजुगी कौशिक
की कविताओं में
शानी के ” काला जल ” में
कस्तूरी के सपनों में !
आप किस की तरफ है ?
13
मे न इनकी तरफ हूँ
न उनकी तरफ !
में , तो , बस
आदिवासियों की तरफ हूँ ,
जो रोज मरे जा रहे हैं बेकसूर !
आज ही आया है दर्दीला वक्तव्य ,
छियासी वर्षीय कवि
लाला जगदलपुरी का ,
आप किसकी तरफ हैं !!
अहा, सुन्दर बस्तर 13
बस्तर में अभी भी फलते हैं
फल पेड़ों पर !
इमली आम महुआ ,तेंदू ,साल के
पेड़ों की भरमार हैं .
यहाँ के पहाड़ों के बदन पर
झरने फूटते हैं, अभी भी
बहकर जाता है ,पानी
नदी नाले ,इन्द्रावती से होकर
गोदावरी में ,
बचे हुए है पेड़ ,पहाड़ बारहों माह हरे रहते हैं ,
गनीमत है ,अभी भी
बारूद असला पेड़ों पर नहीं
गोदामों में ही फलते – फूलते हैं !!
मृत्यु संगीत 14
हेमल गंगा की लाश पड़ी हुई थी ,
कोई हाथ नहीं लगा रहा था
मृत्यु ,संगीत ,रायपुर के
एंथ्रोपोलोजी विभाग के शोध कक्ष
की सीडी में कैद थे !
स्मृति चिन्हों को काठ मार गया था !!
परिवार जन .
अवरुद्ध कंठ – चुपचाप
उसे दफनाकर वापस आ गए थे !!
पहचान पत्र 15
वह अपने पहचान पत्र को
गले से लगा कर रखता था ,
पता नहीं ,
सर कब कट जाये ,
धड की पहचान तो रहेगी !!
पुलिस ग्राउंड में भर्ती 16
ऊँची कूद
लम्बी कूद
लम्बी दौड़ में
सफल होने वाले
उम्मीदवार चुन लिए गए थे
उन सब में
अधिकांश आदिवासी थे .
भर्ती का गणित 17
भर्ती का विज्ञापन निकला हैं
हाथ से लिखा हुआ
उस सर कटी लाश के पास के
पेड़ पर चिपका हुआ था , मद्देड में !
” भर्ती चालू हैं ,दस हज़ार महीना मिलेगा “
[ पता नहीं कब तक ]
सोलह से इक्कीस साल के लड़के
लड़कियां भर्ती हो जाएँ !!
भर्ती का गणित बस इतना सा हैं. !!!
कितना आसन खात्मा ! 18
आदिवासियों को मिटाना कितना आसन होता हैं .
इन्हें एक दूसरे से लड़ा दो ,
वे खुद एक दूसरे को मिटा देंगें ,
एक बांध बना दो ,इसमें वे डूब जायेंगें ,
इनका नामोनिशान न बचेगा .
प्लांट लगा दो ,
मुआवजा पाने के बाद ,
पी पी कर खत्म हो जायेंगें
गंगालूर में प्रेशर बम 19
हेमल गंगा की तरह
पोदिया गंगा और माडम गंगा भी
गंगालूर के रहने वाले थे ,
जिन दोनों के चीथड़े उड़े थे ,
कल प्रेशर बम से !
टिफिन बम 20
बस में बैठे थे ,यात्री और पुलिस वाले दोनों ,
टिफिन खुला , तो उसने
यात्रियों को अपना भोजन बनाया !
पुलिस वाले बच गए थे,
अगले एनकाउन्टर के लिए !!
शाकिर अली ,लेखक
जन्म :बिलासपुर छत्तीसगढ़ में
शिक्षा :बी.एस.सी (गणित ) एम.ए (हिंदी साहित्य)
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचना एवं अनुवाद प्रकाशित
पहल (जबलपुर) कृति और (जयपुर )संप्रेषण (जोधपुर) वागर्थ (कोलकाता )वर्तमान साहित्य(अलीगढ़) शीराजा (जम्मू कश्मीर) साक्षात्कार (भोपाल)आकंठ( पिपरिया मध्य प्रदेश) लेखन सूत्र (जगदलपुर )देशबंधु (रायपुर) नवभारत (रायपुर )सारिका (मुंबई) छत्तीसगढ़ (रायपुर )पाठ (बिलासपुर) सर्वनाम (बागबाहरा) दिव्या लोक (भोपाल )साम्य (अंबिकापुर) इवनिंग टाइम्स (बिलासपुर )आदि।
” दूसरी हिंदी ” काव्य संग्रह में रचनाएं संग्रहित
डॉ. कुंंवर पाल सिंह (अलीगढ़) द्वारा संपादित “साहित्य और राजनीति” पुस्तक में लेख शामिल
आकाशवाणी बिलासपुर रायपुर से रचनायें प्रसारित .♀