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अंबिकापुर. लुण्ड्रा के ग्राम बटवाही के समीप रतनजोत प्लांटेशन में लगाए गए करोड़ों रुपए के रतनजोत बीज घोटाले की जांच न्यायालय के आदेश पर सीआईडी द्वारा की जा रही थी। वर्ष 2017 में सीआईडी ने जांच रिपोर्ट सौंपीं थी।
रिपोर्ट में पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के ओएसडी रहे आरके कश्यप और पूर्व सर्वेयर राणा प्रताप सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद सरगुजा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बुधवार की रात रायपुर से दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले का एक आरोपी राकेश रमण सिंह की तलाश में पुलिस फिलहाल जुटी हुई है।
रतनजोत बीज से ब्योफ्यूल बनाना पूर्व भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना था। इस योजना का लाभ तो लोगों को नहीं मिला लेकिन कृषि विभाग के बड़े अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की काली कमाई कर जेबें भर लीं
रतनजोत बीज घोटाले मामले में अधिवक्ता अमरनाथ पाण्डेय ने वर्ष 2009 में न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में परिवाद पेश कर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के ओएसडी आरके कश्यप, पूर्व सर्वेयर राणा प्रताप व लुण्ड्रा में पदस्थ विभाग के सर्वेयर राकेश रमण सिंह के खिलाफ परिवाद पेश किया था।
परिवाद में सुनवाई के बाद न्यायिक दण्डाधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। न्यायालय के आदेश पर लुण्ड्रा पुलिस ने वर्ष 2009 में ही मामला दर्ज कर लिया था। तात्कालीन सरकार ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंप दी थी। सीआईडी ने जांच के बाद वर्ष 2017 में रिपोर्ट पेश की थी।
रिपोर्ट में सभी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे। सरकार से निर्देश मिलने के बाद लुण्ड्रा पुलिस ने पूरे मामले में ओएसडी आरके कश्यप, पूर्व सर्वेयर राणा प्रताप व लुण्ड्रा में विभाग के सर्वेयर राकेश रमण सिंह के खिलाफ जुर्म दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी।
रायपुर से ओएसडी व पूर्व सर्वेयर गिरफ्तार
बुधवार को लुण्ड्रा पुलिस ने रायपुर पहुंचकर ओएसडी आरके कश्यप व पूर्व सर्वेयर राणा प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है। मामले के एक आरोपी राकेश रमण सिंह की पुलिस तलाश कर रही है। आरके कश्यप पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल के ओएसडी थे। आरके कश्यप वर्तमान में कृषि विभाग के निदेशक हैं, जबकि राणा प्रताप सिंह उपनिदेशक हैं
मनरेगा व फूड फॉर वर्क से दिखाया गया था उत्पादन
जानकारी के मुताबिक अंबिकापुर के बटवाही गांव के पास रतनजोत प्लांटेशन और फूड फॉर वर्क की बात कही गई थी। इस मामले में शिकायतकर्ता अमरनाथ पांडे ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया था कि रतनजोत का उत्पादन मनरेगा और फूड फॉर वर्क से दर्शाया गया है, जो कि फर्जी है।
इसकी राशि करीब 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की है। इसके बाद कोर्ट ने वर्ष 2009 में लुंड्रा थाने को मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसी संबंध में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई।