अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) द्वारा ” महिला उत्पीड़न और हमारी भूमिका” विषय पर एक कन्वेंशन का आयोजन बैरनबाजार, रायपुर में 2 नवम्बर को किया गया। कन्वेंशन मे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से महिलाओं ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि मंदी व बेरोजगारी का असर महिलाओं पर पड़ रहा है । केन्द्र सरकार आम जनता के बुनियादी सवालों को डायवर्ट कर उन्माद व विभाजन को बढ़ा रही है। भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा एक ढोंग है। यह सरकार लगातार अंधविश्वासों को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा व स्वास्थ्य मे बजट को कम किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में माओवादी की आड़ मे पुलिस द्वारा यौंन हिसा की घटनाएं हो रही हैं लेकिन महिलाओं को न्याय नहीं मिल रहा है। महिलाओं के अधिकार व मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली महिलाओं को सरकार लगातार प्रताड़ित कर रही है ।
कन्वेंशन मे 9 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया । हाल ही में धमतरी के अंजली आर्यन के प्रेम विवाह को कट्टर धार्मिक संगठनों द्वारा लव जिहाद कहकर उन्हें प्रताड़ित करने और भारत की सर्वधर्म समभाव की भावना के साथ खिलवाड़ किए जाने की निंदा की है। कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई हैं कि अंजलि आर्यन को समुचित सुरक्षा प्रदान की जाय तथा लड़की और लड़का जहां भी सहमतिपूर्वक साथ रहना चाहते हैं वहां उन्हें रोका न जाय । लड़कियों को स्नातक तक की शिक्षा मुफ्त दी जाय और ज्यादा से ज्यादा कालेज खोला जाय ।
कन्वेंशन मे ऐपवा छत्तीसगढ़ की 19 सदस्यीय संयोजन टीम का गठन किया गया। लक्ष्मी कृष्णन को संयोजक तथा 6 सह संयोजक चुना गया। 6 जिलो मे एपवा का सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया ।
कन्वेंशन को उमा नेताम, मनीषा, गुणवती बघेल, सुमन साहू, नम्रता पटेल, चन्द्रिका कौशल, राजकुमारी, मीना कोसरे, सुहद्रा धृतलहरे,वदना बैरागी, भाकपा (माले) से नरोत्तम शर्मा, ऐक्टू से अशोक मिरी, अर्चना एडगर आदि लोगों ने संबोधित किया।