बिलासपुर. कल शाम सरकंडा पुलिस ने चांटीडीह के मौर्या कॉम्प्लेक्स से पांच जुआरियों को पकड़ा है. इनसे 23,500 रकम ज़ब्त की गई है.

ताली और थाली बजाने वाले मोदी जी के आह्वान पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को भांग पिला कर बेहोश कर होली सी हुड़दंग मचाई थी. दिए और मोमबत्ती जलाने के उनके आह्वान पर लोगों ने पूरी दिवाली मनाई. चारों तरफ पटाखे, रॉकेट, फुलझारियां, अनारदाने जलाए जा रहे थे.
शहर में कई जगहों पर लोग जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाते दिखे. सड़कों पर हवाई पटाखों के अवशेष बिखरे थे.
छत्तीसगढ़ में दिवाली पर जुआ खेलने का दस्तूर है
कल जब सब कुछ दिवाली की तरह ही हो रहा था तो बावन पत्तियों की रस्म भला कैसे भूली जा सकती थी. जम के जुआ खेला गया, कुछ पकड़ में भी आ गए.

सरकंडा थाना क्षेत्र के चांटीडीह में मौर्या कॉम्पलेक्स की छत पर जुआ चलने की सूचना पर पुलिस ने दबिश दी. पांच जुआरी पकड़े गए
- बाला सिंह उर्फ़ अमर सिंह, उम्र 24 साल, पिताका नाम मुन्ना सिंह, निवासी प्रभात चौक चिंगराजपारा सरकंडा
- अक्षय आनंद, उम्र 24 साल, पिता का नाम घनश्याम आनंद, निवासी कतियापारा बिलासपुर.
- सचिन साहू, उम्र 23 साल, पिता का नाम मनोज साहू, निवासी रामायण चौक बिलासपुर.
- कोमल निषाद, उम्र 24 साल, पिता का नाम मंगल निषाद, निवासी देवन चौक चिंगराजपारा.
- लाला पटेल, पिता का नाम राजबहादुर पटेल, निवासी चांटीडीह बिलासपुर.
कल मोमबत्ती जलाने की रात थी. पकड़े गए इन जुआरिओं के पास से पुलिस ने मोमबत्ती भी ज़ब्त की है.
सरकंडा पुलिस ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए शासन द्वारा दिए निर्देशों का ये स्पष्ट उल्लंघन है. इन सभी जुआरिओं के ख़िलाफ़ धारा 188 भवदी के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. इनमे से एक जुआरी बाला ठाकुर पर शहर के कई अन्य थानों में और भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. प्रकरण की इस कार्रवाई में थाना प्रभारी शनिप कुमार रात्रे, जीतेश सिंह, नरेन्द्र दिक्सेना, आरक्षक बलबीर सिंह, प्रमोद सिंह, आशीष राठौर, राकेश यादव, सोनू पाल आदि शामिल रहे.
धुआं पूरे शर में फ़ैल गया

लॉकडाउन के दो हफ़्तों में प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई थी पर लोगों की नासमझी ने सारे किए धरे पर गोबर थाप दिया. पूरे शहर में पटाखों का धुआं फ़ैल गया था. स्ट्रीट लाईट की रौशनी में ये धुआं आप भी साफ़ देख पाएंगे. बिलासपुर की कुछ जगहों से दलहा पहाड़ की हलकी छटा दिखने लगी थी. कुछ दिनों में शायद ये तस्वीर थोड़ी साफ़ दिखने लगती पर कल के पटाखों ने इस उम्मीद पर भी गोबर लीप दिया.

फ़ोटो में लाल घेरे के अन्दर ये बादल नहीं हैं, पटाखे से निकले धुंए का गुबार है.
खाली सड़कों पर तेज़ रफ़्तार गाड़ियाँ जानवरों को कुचल रही हैं

अभी लॉकडाउन के दौरान सड़कें खाली रहती हैं. यूँ तो बाहर निकलने की मनाही है पर नेतागिरी और रसूख कहां किसी का कम होने वाला है. कुछ गाड़ियाँ सड़कों पर फुल स्पीड में दौड़ रही हैं. ज़्यादा रफ़्तार किसी न किसी को तो अपनी चपेट में लेगी ही. फिलहाल सड़कों पे जानवर ज़्यादा हैं सो वे ही इन गाड़ियों का शिकार बन रहे हैं.
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लोगों ने भी ये ज़रूरी नहीं समझा कि इस भेड़चाल की बजाए क्यों न देश के प्रधान से कुछ वाजिब सवाल पूछे जाएं.