
बिलासपुर. कोरोना लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों को जिन जगहों पर क्वारेंटाइन किया गया उन सेंटरों की निगरानी और मजदूरों की स्वास्थ्य जांच से जुड़ी ज़िम्मेदारियों में पुलिस की सहायता करने के लिए शहर के कुछ जागरूक युवाओं को पुलिस ने वालेंटियर के रूप में नियुक्त किया है लेकिन अब ये SPO अपने इस मूल कार्य से अलग पुलिस के साथ यहां वहां छपा मारते और बेजाकब्जा हटाने की कार्रवाई करते नज़र आ रहे हैं।
इतना ही नहीं चालानी कार्रवाई में थानेदारों के आदेश पर ये SPO चौक चौराहों पर तैनात होकर लोगों को रुकवाकर पूछताछ भी कर रहे हैं। डीजीपी के आदेश को दरकिनार कर थानेदार भी वालेंटियर्स का साथ बखूबी दे रहे हैं। लॉक डॉउन-3 के दौरान एसपी प्रशांत अग्रवाल ने शहर के इच्छुक और समाजसेवी लोगों को पुलिस वालेंटियर बनाकर उनसे क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों की चौकसी कराने, नियमित जांच करने और स्वास्थ्यगत व लॉ एण्ड आर्डर की आपातकालीन स्थिति में सहयोग लेने के निर्देश दिए थे। जिले के सभी थानों में पुलिस ने वालेंटियर नियुक्ति किए हैं। वालेंटियर्स बनाए गए युवक और युवतियां खुद को पुलिस अधिकारी मानने लगे हैं। मनमानी करने में वालेंटियर्स कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस काम में थानेदार वॉलंटियर्स का बखूबी साथ दे रहे हैं।
नियम विरुद्ध हुक्काबार में छपा मार ते दिखे SPO
SPO और पुलिस की ये मिलीभगत 26 जून की शाम गांधी चौक स्थित हुक्काबार में की गई कार्रवाई के सीसीटीवी फुटेज के निरीक्षण से सामने आई है।
हुक्काबार के सीसीटीवी में कोतवाली थाने के SPO और एक पत्रकार भी पुलिस के साथ छापा मारते नज़र आ रहे हैं। हुक्काबार संचालक ने बताया कि पुलिस के साथ आए पत्रकार ने उसके साथ बदसुलूकी की।
आपको बता दें कि डीजीपी के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिन युवाओं को SPO बनाया गया है उनसे क्वारेंटाइन सेंटर्स से संबंधित आवश्यक कार्यों में ही शामिल किया जाए लेकिन यहां तो नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।
बेजा कब्ज़ा हटावाने वाले लठैतों की भूमिका में SPO
नगर निगम द्वारा बेजा कब्ज़ा हटवाने की कार्रवाई में भी इन SPO को बराबरी से शामिल किया जा रहा है। ये युवा SPO बने थे कोविड 19 के दौर में समाज कि सेवा करने के लिए लेकिन अब पुलिस उनका दूसरे ही तरीके से इस्तेमाल कर रही है। और कुछ नहीं तो कम से कम डीजीपी साहब के आदेश का तो पालन करना ही चाहिए था।