अदालत आदिवासी आंदोलन मानव अधिकार

पत्थल गढी पूरी तरह संवैधानिक हैं, इसका विरोध करने वाले भाजपा और कांग्रेस के लोग आदिवासी विरोधी है.- मनीष कुंजाम ,राष्ट्रीय अध्यक्ष आदिवासी महासभा .

सुकमा  ,छतीसगढ

12.05.218

आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने आज पत्थल गढी के संवैधानिकता पर कहा कि,भारतीय संविधान और उसके पांचवी अनुसूची के प्रावधान स्पष्ट रूप से आदिवासियों के जल जंगल जमीन, उनकी रूढ़िगत व्यवस्था और संस्कृति की रक्षा को सुनिश्चित करता हैं परंतु कभी भी कारपोरेट परस्त सरकारों ने इन प्रावधानों का पालन नही किया, बल्कि इनके विपरीत प्राकृतिक संसाधनों की लूट के लिए आदिवसियों का भारी दमन किया है .

संसाधनों की लूट और दमन के खिलाफ आदिवासी समाज गांव गांव में संविधान की मंशा अनुरूप पत्थलगढ़ी कर रहे हैं। और यह कोई नई प्रक्रिया नही हैं बल्कि 1992 में स्टील कंपनी के खिलाफ संविधान के प्रावधानों को लिखते हुए मोलीभाटा में पथलगढ़ी हुई थी.

पत्थलगढ़ी पूर्ण रूप से संविधान अनुरूप हैं।
इसका विरोध करने वाली पार्टी भाजपा या कांगेस के में बैठे लोग पूर्णतः आदिवासी विरोधी हैं जिन्होंने भयानक तरीके से आदिवासियों के जीने के प्राकृतिक संसाधनों की लूट की हैं और इस लूट को सतत जारी रखना चाहते हैं.

कुछ राजनीतिक दल या बुद्धिजीवी इसे विकास से जोड़कर देखे रहे हैं जबकि इसका विकास से कोई लेना देना नही हैं। आदिवसी को सड़क, बिजली नही बल्कि उसके संसाधनों की सुरक्षा चाहिए.

आर एस एस और उसकी सहयोगी भाजपा इसे साम्प्रदायिक रंग देंने की कोशिश कर रही हैं जो उसका मूल चरित्र हैं। लेकिन अब आदिवासी समाज इसे अच्छे से समझ रहा हैं.

पत्थलगढ़ी के नाम पर पूरे देश संविधानिक अधिकारों पर चर्चा हो रही हैं यह अच्छे संकेत हैं। आने वाले दिनों में गांव गांव पत्थलगढ़ी होगी .
**

मनीष कुंजाम ,छतीसगढ के आदिवासी नेता 

Related posts

राष्ट्रीय जन जाति आयोग ने राष्ट्रीय अभ्यारण्य और टाईगर रिजर्व से जबरिया विस्थापन की कार्रवाई पर रोक : वनाधिकार कानून के पूरे पालन के बिना .

News Desk

तेलंगाना से पैदल छात्तीसगढ़ आ रही महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म, प्रसव के बाद जागा प्रशासन, खोखले हैं सरकार के दावे ?

News Desk

सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हैं सरकार : भूपेश बघेल मुख्यमंत्री .

News Desk