बिलासपुर। नागपुर और अलग अलग फैक्ट्रियों में काम करने वाले 100 से भी ज़्यादा गरीब मजदूर लोग कल सुबह से बिलासपुर रेलवे स्टेशन में फंसे हुए हैं। यातायात के सभी साधन बन्द हैं इसलिए ये लोग अपने घर नहीं जा पा रहे हैं।
मजदूरों ने हमें बताया कि कल से उन्होंने खाना भी नहीं खाया है।
कोरोना लॉक डाउन के चलते सभी होटल दुकानें बंद हैं। ये लोग खाना खरीदकर भी नहीं कहा सकते।
आश्चर्य की बात है कि इतने सारे लोग महाराष्ट्र से आकर बिलासपुर में फंसे हैं और बिलासपुर प्रशासन ने अभी तक सुरक्षा के कोई कदम नहीं उठाए हैं। कल रात भारती नगर के कुछ युवाओं ने उन्हें बिस्किट आदि उपलब्ध कराए। पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए भोजन का इस्तेमाल करना शासन के लिए ही संभव है।
कलेक्टर कोरोना वायरस फैल जाने का इंतजार कर रहे हैं क्या?
महाराष्ट्र में कोरोना के कई पोजिटिव मामले मिले हैं। ये मजदूर महाराष्ट्र से ही आए हैं। पर लापरवाह बिलासपुर प्रशासन ने अब तक इनकी ठीक से जांच भी नहीं कराई है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला के द्वारा कलेक्टर महोदय को whatsapp पर घटना की सूचना दी गई थी। प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि सुबह 7 बजे तक बस के माध्यम से मजदूरों को उनके घर भेज दिया जाएगा। लेकिन अब 10 बजे तक भी किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता का कोई अता पाता नहीं है।
कल से भूखे हैं मजदूर
बिलासपुर में फंसे इं मजदूरों को कल से पेटभर खाना नसीब नहीं हुआ है। सरकारी अधिकारी सुबह फ्रैश होकर नाश्ता वाष्ता कर के जब थोड़े फ़्री हो जाएंगे तब शायद उनका ध्यान इस ओर जाए।
पुलिस ने पहले स्टेशन से भगाया फिर बस अड्डे में पीटने पहुंची