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27.09.2018
लिंगाराम कोडपी की रिपोर्ट
फेसबुक से प्राप्त
छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा जिले के गमपुर गांव की चौदह साल की बच्ची के साथ पुलिस के जवानों ने बलात्कार किया,
जब उसके रिश्तेदार युवक ने विरोध किया तो पुलिस के जवानों ने उस लड़की और विरोध करने वाले युवक को गोली से उड़ा दिया,
पुलिस ने मीडिया को बताया कि हमारे जवानों ने अतुल्य वीरता का परिचय देते हुए दो नक्सलियों को ढेर कर दिया,
ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप लाशों का अन्तिम संस्कार नहीं किया,
मारे गये युवक का भाई सोनी सोरी से मिलने आ रहा था तो पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया,
ग्रामीणों ने सोनी सोरी को गांव में बुलाया,
सोनी सोरी को गांव वालों ने दोनों लाशें दिखाईं,
ग्रामीणों ने बताया कि मारे गये दोनों की लाशों की आंखें और किडनी गायब थीं,
सोनी सोरी ने इस मामले की जाँच की मांग की,
इस पर सरकार ने जाँच करने की बजाय पुलिस दल को गांव में लाशों को नष्ट करने भेजा,
पुलिस फोर्स ने गांव में जाकर बुजुर्ग आदिवासी महिलाओं की बुरी तरह पिटाई करी,
पिटाई के फोटो आप देख सकते हैं,
पुलिस वालों का कहना था कि तुम लोग सोनी सोरी से शिकायत क्यों करते हो ?
क्या इस तरह का व्यवहार एक लोकतन्त्र में सम्भव है,
यहाँ भाजपा का शासन है,
राष्ट्रवाद की नकली बातें, महिलाओं के सम्मान की फर्ज़ी बातें,
एक लोकतन्त्र में यह बिल्कुल नाकाबिले बर्दाश्त होना चाहिये,
लेकिन पूरा भारत यह सब चुपचाप देख रहा है,
हम एक दिन पछतायेंगे
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