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डिपोजिट 13 अदानी /फर्जी ग्राम सभा की कैसे होगी जांच , हिरोली पंचायत का सचिव ग्राम सभा के सारे रिकॉर्ड लेकर भागा .

जांच तेज /
कथित फर्जी ग्राम सभा की जांच के दौरान ग्राम सचिव का उपस्थिति होना जरूरी .

हिरोली पंचायत का सचिव ग्राम सभा के सारे रिकॉर्ड लेकर भागा , समय पर नहीं लौटा तो भेजा जाएगा जेल .

हिरोली के ग्रामीण बोले – जांच में सबसे पहले सचिव की ही सामने आएगी संलिप्तता इसलिए भागा .

पत्रिका न्यूज नेटवर्क patrika . com जगदलपुर /

दंतेवाड़ा . डिपॉजिट 13 अडानी को दिए जाने को लेकर हुई कथित फर्जी ग्रामसभा की जांच का आदेश सरकार ने दिया है । इस जांच परदेश – प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं , लेकिन अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है । दरअसल कथित फर्जी ग्राम सभा का प्रस्ताव बनाने वाला हिरोली का पंचायत सचिव बसंत नायक पिछले आठ दिनों से फरार है । बताया जाता है कि जिस दिन बैलाडीला में आंदोलन शुरू हुआ उस दिन से ही वह गांव में नहीं दिखा है । इस पूरी जांच प्रक्रिया के केंद्र में पंचायत सचिव ही है , क्योंकि पंचायती राज अधिनियम के तहत उसे ही ग्रामसभा का प्रस्ताव तैयार करने का अधिकार है । उसके बनाए प्रस्ताव पर ही चर्चा हुई होगी । अब जब उसका मामले में बयान होना है । तो वह फरार है । ग्राम सभा से जुड़े कई ओरिजनल डॉक्यूमेंट भी उसी के पास हैं । हिरोली के ग्रामीणों का कहना है कि सचिव सारे रिकॉर्ड लेकर भाग गया है ।

मोबाइल लोकेशन के आधार पर करेंगे ट्रेस

पंचायत सचिव को अब उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस किया जाएगा । बताया जाता है कि वह कांकेर जिले का रहने वाला है । हिरोली के ग्रामीणों का कहना है कि जब से वे आंदोलन से लौटे हैं वे उसके नंबर पर कॉल कर रहे हैं । लेकिन वह कॉल नहीं उठा रहा । ज्यादा बार कॉल लगाने पर वह फोन स्वीच ऑफ कर देता है । इसी आधार पर अब पुलिस उसे ढूंढने के लिए उसे मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर ट्रेस करेगी ।

प्रस्ताव में हेंडरायटिंग नकारता रहा हैं सचिव

हिरोली के ग्रामीण और संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि पंचायत सचिव पर शुरू से ही उन्हें संदेह है । कई बार उससे कहा भी गया कि प्रस्ताव पर उसकी ही हैंड राइटिंग है पर वह इसे नकारता रहा । जिला प्रशासन की जांच में यह भी प्रमुख मुद्दा होगा । ग्रामीणों का कहना है कि खुद पर दबाव बढ़त देखकर ही सचिव भागा है ।

वारंट जारी करेंगे , जेल भी हो सकती है

हमने उसे शनिवार तक मुख्यालय में उपस्थित होने कहा था , वह नहीं पहुंचा । अब आगे उसे पुलिस की मदद से ढूंढा जाएगा । जांच में सहयोग नहीं करने पर पंचायती राज अधिनियम की धारा 92 प्रयोग करते हुए उसके नाम वारंट जारी हो सकता है । जेल भी संभव है ।

एनके कंवर , एसडीएम दंतेवाडा

जिला – जनपद पंचायत समेत खनिज , वन विभाग से मांगे दस्तावेज

फर्जी ग्रामसभा की जांच पूरी तरह से मूल दस्तावेजों की उपलब्धता पर टिकी हुई है प्रशासनिक अफसरों का कहना कि वे मूल दस्तावेज साथ रखकर ही जांच आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि भविष्य में जांच पर किसी भी तरह से कोई सवाल ना उठे । जिला पंचायत , जनपद पंचायत , वन और खनिज विभाग से ग्राम सभा से जुड़े सभी ओरिजनल दस्तावेज मांगे गए हैं । दस्तावेज ढूंढने में पूरा विभागीय अमला जुटा हुआ है । विभागों को कागजात उपलब्ध करवाने तीन दिन का वक्त मिला है ।

प्रशासन ने सचिव को शनिवार तक उपस्थित होने कहा था

पंचायत सचिव बसंत नायक को शनिवार यानी 15 जून तक दंतेवाड़ा जिला पंचायत में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था लेकिन वह नहीं पहुंचा । इस पर मामले की जांच कर रहे एसडीएम एनके कंवर पत्रिका से कहा कि पंचायत सचिव ने तय तिथि उपस्थिति नहीं दी है । अब उसे पुलिस की मदद जाएगा । इसके लिए जल्द ही पुलिस विभाग को एक पत्र लिखेंगे । अगर जांच की समय – सीमा भीतर उपस्थित नहीं होता है तो उसके विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम की धारा 92 के तहत कार्रवाई होगी ।

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