
सुकमा. कोरोना लॉकडाउन के बीच छत्तीगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके सुकमा से एक दुखद खबर आई है, यहां संदिग्ध माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हो गए हैं.
जनचौक में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में बस्तर के पत्रकार तामेश्वर ने लिखा है कि शनिवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के करीब 550 जवान सर्चिंग पर निकले थे. इस दौरान कसलपाड़ से लौटते वक्त कोराज डोंगरी के करीब नक्सलियों ने एंबुश लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया था. रविवार को मुठभेड़ वाले इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसके बाद लापता जवानों के शव मौके से बरामद किए गए. हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 14 घायल हैं.
डीआरजी-एसटीएफ के जवानों को पहली बार इतना बड़ा नुकसान हुआ है. 12 AK-47 सहित कुल 15 हथियार और एक UBGL को नक्सली लूटकर फरार हो गए. डीआजी और आर्मी टीम के सबसे ज्यादा हथियार लूटे गए हैं.
छत्तीसगढ़ में इस साल ये अब तक का सबसे बड़ा हमला है. बस्तर के आईजी पुलिस सुंदरराज पी ने लापता जवानों के शव मिलने की पुष्टि की है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को अस्पताल जा कर इन घायल जवानों से मुलाकात की.
गौरतलब है कि शनिवार की दोपहर सुकमा ज़िले के चिंतागुफा थाना के कसालपाड़ और मिनपा के बीच संदिग्ध माओवादियों ने सुरक्षाबलों की एक बड़ी टुकड़ी पर हमला बोला था. इसके बाद से 17 जवानों के लापता होने की ख़बर थी. रविवार की सुबह तक इन जवानों का पता नहीं चल पाया था.