14.01.2018 /बिलासपुर
छतीसगढ़ हाई कोर्ट के माननीय न्यायधीश प्रशान्त मिश्रा ने सभी निचली अदालतों के लिए आदेश जारी किया हैं कि किसी को जमानत देते समय आरोपी और जमानतदार दोनो के आधार कार्ड लेना अनिवार्य होगा .
अब किसी आरोपी के लिए अगर उसके पास आधार कार्ड नहीं है तो उसको जेल से जमानत पाने में मुश्किल होगी क्यों कि बहुत से लोगो के आधार कार्ड अभी भी नहीं बने हैं और दूसरी तरफ अभी भी सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड को लेकर सुनवाई लंबित है .
आदेश मे यह भी कहा गया है कि जमानत द्वारा प्रस्तुत कागजात की एक सप्ताह में जांच की जाए ,जांच पूरी होने के बाद ही आरोपी को जमानत पर छोड़ा जाये ,इसका मतलब यह हुआ कि जमानत के कागजात सही होने पर भी एक सप्ताह जाँच का इंतजार करना होगा ,सरकार के पास जांच करने की कितनी एफीसियेंट एजेंसी है जो एक सप्ताह मे जांच पूरी कर पायेगी यह अलग बात है .
और रह भी कि यदि किसी व्यक्ति ने दो बार जमानत पहले दी हैं तो अब उसको जमानत देने का हक नही होगा .
यह सारे आदेश किसी के द्वारा नकली कागजात से जमानत लेने के प्रकरण के सामने आने के बाद दिए गए है .
स्पेशल लॉ पिटिशन के माध्यम से अधिवक्ता पीयूष भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में छतीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्णय को चैलेंज किया गया है .जिसमें. आधार को अनिवार्य किया गया हैं ,पिटीशन मे कहा गया है कि अभी आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे निर्णय होना शेष हैं .जब तक हाईकोर्ट के आदेश को रोका जाये .
इस आदेश से संभावित परेशानियों को देखते हुये छतीसगढ़ बार कौंसिल ने सभी अधिवक्ता संध से पत्र लिखकर कहा हैं कि अपने सुझाव भेजें .सोमवार को सुनवाई मे अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये अधिवक्ता प्रस्तुत होंगे .
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छतीसगढ़ हाई कोर्ट का आदेश
छतीसगढ़ बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता संघ को पत्र लिखकर सुझाव मांगे